
VIVO जैसी Chinese कंपनियों के विरोध के बाद हरकत में आई BCCI, IPL स्पॉन्सरशिप डील्स की समीक्षा के लिए अगले हफ्ते होगी बड़ी बैठक
भारत-चीन के बीच लद्दाख में LAC सीमा पर गलवान घाटी में हुए भारी विवाद का प्रभाव अब अन्य मसलों पर भी पड़ रहा है। भारत और दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग IPL पर इसका असर देखने को मिला है। दरअसल, IPL की प्रमुख टाइटल स्पॉन्सर मशहूर मोबाइल निर्माला कंपनी ‘वीवो’ है, जो कि चीन की कंपनी है, इस कारण अब IPL से इस स्पॉन्सर कंपनी को हटाने की चर्चा इस समय जोरो पर है।
बता दें कि लद्दाख की गलवान वैली में इस सप्ताह की शुरुआत में चीन की ओर से भारतीय सैनिकों पर धोखे और कायराना तरीके से हमला किए गया था, इस हिंसक झड़प में भारतीय सेना के 20 सैनिक शहीद हो गए थे और कई लापता हो गए थे।
चीन की इस हरकत के बाद देश में हर तरफ से एक सुर में आवाज उठने लगी कि अब चीनी सामान का बहिष्कार करना ही होगा। देश में चारों तरफ से उठी चीन के सामान के बहिष्कार की मांग के बाद भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (BCCI) ने भी इस गंभीर मसले पर एक बड़ा ऐलान किया कि वह भी वीवो IPL टाइटल स्पॉन्सर डील की समीक्षा करेगा।
उधर, बीसीसीआई की इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के ट्विटर हैंडल ने शुक्रवार रात ट्वीट किया, ‘सीमा पर झड़प में हमारे बहादुर जवानों की शहादत को ध्यान में रखते हुए आईपीएल गवर्निंग काउंसिल ने टूर्नमेंट की विभिन्न स्पॉन्सरशिप डील्स की समीक्षा के लिए अगले सप्ताह एक बैठक बुलाई है।’ भारत-चीन सीमा पर चार दशकों से अधिक समय में यह पहली झड़प थी, जिसमें कम से कम 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए। बीसीसीआई को वीवो से एक कॉन्ट्रैक्ट के तहत सालाना 440 करोड़ रुपए मिलते हैं, यह करार 5 साल तक के लिए बीसीसीआई और वीवो के बीच हुआ था, जो 2022 तक दोनों के बीच मान्य रहेगा।
अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या भारतीय क्रिकेट बोर्ड भारत-चीन के बीच जारी भारी विवाद के चलते वीवो के साथ करोड़ों रुपए का करार तोड़ लेगा? अगर ऐसा हुआ तो पहले से ही आर्थिक मंदी का शिकार भारतीय बोर्ड को काफी नुकसान झेलना पड़ेगा। वहीं, इसके उलट एक सवाल सामने आता है कि क्या दोनों देशों के बीच हो रहे विवाद से दूर क्रिकेट को बीच में लाना उचित होगा? क्या फिर दोनों देशों के अन्य व्यापारिक संबंधों पर भी इसका असर पड़ेगा या फिर सिर्फ एक क्रिकेट स्पॉन्सर तक ही यह सीमित रह जाएगा?
Add Comment