
अमेरिका में 25 मई को अश्वेत नागरिक, जॉर्ज फ्लॉएड की पुलिस अधिकारी द्वारा गर्दन दबाने से हुई मौत का विरोध थमने का नाम ही नहीं ले रहा। दुनिया के कई देशों से इस घटना पर प्रतिक्रियाएं आ रही है। वेस्ट इंडीज के पूर्व कप्तान Darren Sammy ने खुलासा किया है की उन्हें नस्लभेदी टिपण्णी(Racism) का सामना करना पड़ा है। ये घटना 2013 – 14 की है जब वे IPL में सनराइज़र्स हैदराबाद की ओर से खेलते थे। Sammy ने शनिवार को अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर स्टोरी पोस्ट कर के इस बात की जानकारी दी। उन्होंने कहा, “मुझे अभी ‘KAALU’ का मतलब पता चला। जब मैं IPL में सनराइजर्स के लिए खेलता था तो मुझे और थिसारा परेरा को इसी नाम से बुलाते थे। मैं सोचता था कि इसका मतलब मजबूत घोड़ा होता है। लेकिन अब जाकर मुझे इसका मतलब पता चला।’’ हालाँकि इन्होने अभी तक उन खिलाड़ियों के नाम साझा नहीं किया है जो इन्हे और थिसारा परेरा को कालू कह कर बुलाते थे।
सैमी अमेरिका में हो रहे अश्वेत नागरिक की मौत के प्रदर्शन के समर्थन में है। उन्होंने क्रिकेट जगत से भी नस्लभेद(Racism) के खिलाफ आवाज़ उठाने की गुजारिश की है। इससे पहले वेस्ट इंडीज के पूर्व विस्फोटक बल्लेबाज़ क्रिस गेल ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर लिखा, “अश्वेत लोगों की जिंदगी भी दूसरों के जीवन की तरह कीमती है। अश्वेत लोग मायने रखते हैं। नस्लभेदी भाड़ में जाएं। मैंने पूरी दुनिया घूमी है। इस दौरान कई नस्लभेदी बातें सुनी हैं, क्योंकि मैं अश्वेत हूं। विश्वास मानिए, यह लिस्ट बढ़ती चली जाएगी।’’
Darren Sammy अपने उस पोस्ट के बाद अब व्यक्तिगत रूप से उन लोगों से संपर्क करने का फैसला किया है जो उन्हें उस अपमानजनक शब्द से बुलाते थे। सैमी ने सोमवार को अपने इंस्टाग्राम हैंडल पर एक वीडियो साझा कर इस बात की जानकारी दी। उन्होंने कहा की वो पुरी दुनिया में क्रिकेट खेल चुके है और उन्होंने बहुत से खिलाड़ियों के साथ ड्रेसिंग रूम शेयर किया है।
सैमी हसन मिन्हाज के एक वीडियो द्वारा ‘कालू’ शब्द का मतलब पता चला और उन्हें इस बात पर काफी गुस्सा भी आया। उन्होंने सोमवार को एक वीडियो शेयर किया जिसमे वो ये कहते दिख रहे है की की जब उन्हें इस शब्द से पुकारा जाता था तो उनके टीम मेटस हॅसते थे। Sammy सोचते कि टीम के साथी हँस रहे हैं इसलिए यह कुछ मज़ेदार होना चाहिए। उन्होंने अपने इस वीडियो में ये भी कहा की उन्हें उन खिलाड़ियों के बारे में पता है इसलिए वो उन्ही को मैसेज कर के पूछेंगे की क्या वो सभी इन्हें बुरे तरीके से ये शब्द कहते थे?
इसी बीच पूर्व भारतीय आल राउंडर इरफ़ान पठान ने कहा, “मैं 2014 में उनके (Sammy) साथ था। मुझे लगता है नहीं कि यह वास्तव में हुआ था, अगर होता तो इस मामले पर निश्चित रूप से चर्चा की गई होती। इसलिए मुझे ऐसी बातों की जानकारी नहीं है क्योंकि कुछ भी बड़े पैमाने पर चर्चा नहीं की गई थी। लेकिन साथ ही, हमें अपने लोगों को शिक्षित करने की आवश्यकता है क्योंकि मैंने नस्लीय झंझट घरेलू क्रिकेट में देखा है।” भारत के विकेटकीपर बल्लेबाज़ पार्थिव पटेल ने भी Sammy के आरोपों को खारिज करते हुए टेलीग्राफ को बताया, “मुझे नहीं लगता है कि टीम के किसी भी सदस्य ने उन्हें कुछ भी आपत्तिजनक शब्द कहे होंगे। मुझे इस बात की कोई जानकारी भी नहीं है।”
तो अब देखना ये है कि क्या सच में इस तरह कि कोई घटना घटी थी? अगर घटी थी तो क्या कोई तरीका नही है जिससे नस्लभेद (Racism) को रोका जा सकता है? काला या गोरा महज एक रंग है। इसके आधार पर किसी के साथ भेद भाव क्यों ?
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